झुलसाने वाली गर्मी की आमद पहले ही सावधान हो जाइये..

Spread the love

गर्मी का मौसम आते ही कई बीमारियों को अपने साथ लेकर आता है कुछ बीमारियां तो सामान्य होती हैं जिनका इलाज आसानी हो जाता है, जबकि कुछ बीमारियां गंभीर होती हैं, अगर हम इन बीमारियों का सही समय पर इलाज न करें तो ये घातक रूप ले लेता है ।

गर्मी बढ़ने से हिट स्ट्रोक का खतरा बढ़ता काफ़ी बढ़ जाता है है खाली पेट रहनें से बचें, जितना ज्यादा हो सके पानी का सेवन करे । एकाएक तेज धूप से गर्मी बढ़ने लगी है जिससे हिट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है। आज इस संबंध में सीएमएचओ डॉ एम पी महिस्वर ने बताया कि हीट वेव जिसे सामान्य भाषा में लू चलना कहा जाता है। जब कभी भी वातावरण का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या 104 फैरेनहाइट से ज्यादा हो तो हीट वेब की स्थिति उत्पन्न होती है। इसका असर बच्चों,बुजूर्गो एवं कोमार्बिड लोगों में सर्वाधिक होता है। हमारे शरीर के टेम्परेचर न्यूलेशन (तापमान नियंत्रण) मस्तिष्क के हाईपोथलेमस भाग से होता है। जब वातवरण का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या 104 फैरेनहाइट से अधिक हो जाता है तब टेम्परेचर रेग्यूलेशन तंत्र प्रभावित होता परिणाम स्वरूप तब हीट स्ट्रोक की स्थिति उत्पन्न होती है। इसमें तेज बुखार आना, सीना न आना एवं बुखार की सामान्य दवाईयों से बुखार नहीं उतरता है एवं इससे मृत्यु भी सकती है।

उन्होंने इससे बचाव संबंधित जानकारी भी प्रदान कि है।

घर से बाहर खाना खाने के बाद ही निकलना चाहिए। कोशिश करें कि सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक सीधे सूर्य रोशनी से बचे एवं बाहर जाने पर धूप से बचने के लिए सिर पर गमछा, हेट/टोपी, धूप का चश्मा तथा सूती के ढीले कपड़े पहनें। प्यास न लगने पर भी पानी पीते रहें।

आइयेआपको बताते है मिट्टी के बर्तनों से पानी पीने के ज़बरदस्त फायदे…
मिट्टी के बर्तनों में रखे पानी में मौजूद विटामिन और खनिज शरीर के ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं इससे लू लगने का खतरा कम हो जाता है। मटके का पानी का सेवन गैस की समस्या से निजात दिलाने में मदद करता है, अगर व्यक्ति को गैस या एसिडिटी संबंधी कोई परेशानी है, तो घड़े के पानी
के सेवन से फायदा होता है।

विटामिन और खनिज शरीर के ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखता है घड़े का पानी

खास खास तौर पर मटके का पानी पीना कैसे भूल सकते है प्यास न लगने पर भी पानी पीते रहें। मौसमी फल जैसे तरबूज, ककड़ी,छाछ, लस्सी समय-समय पर लेते रहें। अगर लू के चपेट में आ जाये तो नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र से संपर्क करें। जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में ओ.आर.एस.आईवी फ्ल्युइड एवं बुखार की दवाईयां पर्याप्त मात्रा में निःशुल्क उपलब्ध होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *