झुलसती, और तपती गर्मी ने लोगों की दिनचर्या को पूरी तरह अस्त व्यस्त कर दिया है..

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मई की गर्मी पूरे प्रचंड पर होगी । ऐसा लग रहा है जैसे आसमान से आग के गोले बरस रहे हैं। अभी ये हाल तो नवतपा में क्या स्थिति होगी, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। गर्मी का आलम यह है कि पंखे गरम हवा फेंक रहे और कूलर की कुलिंग क्षमता कम हो गई है।

मई-जून की झुलसाती गर्मी को देख लोग खुद को घरों में बंद करने को मजबूर

पूरे उत्तर भारत और दक्षिण भारत के भी कई हिस्सों में एक तरफ गर्मी चरम पर है, तो दूसरी तरफ देश गहरे बिजली संकट से जूझ रहा है. उत्तर भारत में पारा 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है

आइये अपनी सेहत के मद्देनज़र जानते हैं, लू लगने से मृत्यु क्यों होती है, और इसके बचाव के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए..?

झुलसती गर्मी में शरीर का तापमान जब 42° सेल्सियस तक पहुँच न दे

हम सभी धूप में घूमते हैं लेकिन कुछ लोगों की धूप में जाने के कारण अचानक मृत्यु क्यों हो जाती है क्यों ?

👉 हमारे शरीर का तापमान हमेशा 37° डिग्री सेल्सियस होता है, इस तापमान पर ही हमारे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम कर पाते है ।

👉 पसीने के रूप में पानी बाहर निकालकर शरीर 37° सेल्सियस टेम्प्रेचर मेंटेन रखता है, लगातार पसीना निकलते वक्त भी पानी पीते रहना अत्यंत जरुरी और आवश्यक है ।

👉 पानी शरीर में इसके अलावा भी बहुत कार्य करता है, जिससे शरीर में पानी की कमी होने पर शरीर पसीने के रूप में पानी बाहर निकालना टालता है । (बंद कर देता है )

👉 जब बाहर का टेम्प्रेचर 45° डिग्री के पार हो जाता है और शरीर की कूलिंग व्यवस्था ठप्प हो जाती है, तब शरीर का तापमान 37° डिग्री से ऊपर पहुँचने लगता है ।

👉 शरीर का तापमान जब 42° सेल्सियस तक पहुँच जाता है तब रक्त गरम होने लगता है और रक्त में उपस्थित प्रोटीन पकने लगता है ।

👉 स्नायु कड़क होने लगते हैं इस दौरान सांस लेने के लिए जरुरी स्नायु भी काम करना बंद कर देते हैं ।

👉 शरीर का पानी कम हो जाने से रक्त गाढ़ा होने लगता है, ब्लडप्रेशर low हो जाता है, महत्वपूर्ण अंग (विशेषतः ब्रेन) तक ब्लड सप्लाई रुक जाती है ।

👉 व्यक्ति कोमा में चला जाता है और उसके शरीर के एक-एक अंग कुछ ही क्षणों में काम करना बंद कर देते हैं, और उसकी मृत्यु हो जाती है ।

👉गर्मी के दिनों में ऐसे अनर्थ टालने के लिए लगातार थोड़ा-2 पानी पीते रहना चाहिए और हमारे शरीर का तापमान 37° मेन्टेन किस तरह रह पायेगा इस ओर ध्यान देना चाहिए ।

Equinox phenomenon: इक्विनॉक्स प्रभाव आने वाले दिनों में भारत को प्रभावित करेगा ।

मौसम की एक्टिविटी को बैलेंस करने के लिए तेजी से बढ़ती गर्मी में बाहर निकलना बंद कर दे
  • कृपया 12 से 3 बजे के बीच घर, कमरे या ऑफिस के अंदर रहने का प्रयास करें ।
  • तापमान 40 डिग्री के आस पास विचलन की अवस्था मे रहेगा ।
  • यह परिवर्तन शरीर मे निर्जलीकरण और सूर्यातप की स्थिति उत्पन्न कर देगा ।
  • (ये प्रभाव भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर सूर्य चमकने के कारण पैदा होता है) ।
  • कृपया स्वयं को और अपने जानने वालों को पानी की कमी से ग्रसित न होने दें ।
  • किसी भी अवस्था में कम से कम 3 लीटर पानी जरूर पियें । किडनी की बीमारी वाले प्रति दिन कम से कम 6 से 8 लीटर पानी जरूर लें ।
  • जहां तक सम्भव हो ब्लड प्रेशर पर नजर रखें । किसी को भी हीट स्ट्रोक हो सकता है ।
  • ठंडे पानी से नहाएं । इन दिनों मांस का प्रयोग छोड़ दें या कम से कम करें ।
  • फल और सब्जियों को भोजन मे ज्यादा स्थान दें । हीट वेव कोई मजाक नही है ।
  • एक बिना प्रयोग की हुई मोमबत्ती को कमरे से बाहर या खुले मे रखें, यदि मोमबत्ती पिघल जाती है तो ये गंभीर स्थित है
  • आखीरी सावधानी, अपने होठों और आँखों को हर वक्त नम रखने का प्रयत्न करें ।

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