छ.ग. की महत्वाकांक्षी परियोजना शिवरीनारायण में ‘राम वन गमन पथ परियोजना’ राम के पथ पर चलेंगे राम भक्त

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शिवरीनारायण में राम वन गमन पथ परियोजना की ज़बरदस्त तय्यारियों के साथ, आज कार्यक्रम का आगाज़ हो गया कार्यक्रमों में अपनी मधुर आवाज़ से समां बांध दिया खुबसूरत गायिका ममता चंद्राकर जी ने, शिवरीनारायण में राम वन गमन पथ परियोजना का लोकार्पण cm बघेल 10 अप्रैल को करेंगे जिसकी आज पुरज़ोर तरीके से शुरुवात हो गई यह बड़े गर्व का विषय है की समारोह में देश और प्रदेश के कलाकार अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे

पद्मश्री डॉ ममता चंद्राकर के ने छत्तीसगढ़ के राजगीत से अपने कार्यक्रम की शुरूआत कर सबका मन मोह लिया

मानस गायन राज्य स्तरीय प्रतियोगिता और राम वन गमन पर्यटन परिपथ शिवरीनारायण के पहले चरण के लोकार्पण कार्यक्रम के पहले दिन मेला स्थल में उत्साह का माहौल देखा गया.  संध्याकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ ममता चंद्राकर के गीतों ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। डॉक्टर ममता चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ के राजगीत से अपने गीतों के श्रृंखला की शुरूआत की और एक के बाद कई मनमोहक गीत गाकर उपस्थित लोगों को भी गुनगुनाने पर मजबूर कर दिया. कार्यक्रम में चिन्हारी नाचा पार्टी भी अपने नृत्य और संगीत से लोगों का खूब मन मोहा. कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि राजेश्री महंत डॉ रामसुंदर दास, संस्कृति और पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सहित बड़ी संख्या में दर्शकगण मौजूद थे।

मुख्य अतिथि राजेश्री महंत डॉ रामसुंदर दास, संस्कृति और पर्यटन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी वहां मौजूद रहे

छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी राम वन गमन पथ परियोजना के तहत चंदखुरी के बाद अब शिवरीनारायण में भी विकास कार्य पूरा हो गया है। इन विकास कार्यों का लोकार्पण 8 अप्रैल से शुरू हो रहे लोकार्पण समारोह के अंतिम दिन 10 अप्रैल को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा किया जाएगा। शिवरीनारायण राम वन गमन पथ परियोजना के पहले चरण में चिन्हित उन स्थानों में शामिल है, जिन्हें पर्यटन-तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है।

सेवा जतन सरोकार छत्तीसगढ़ सरकार

छत्तीसगढ़ राज्य ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक और प्राकृतिक धरोहरों के साथ ही गौरवशाली प्राचीन लोक संस्कृति का भी अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। छत्तीसगढ़ मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का ननिहाल और उनकी कर्मभूमि भी है। 14 वर्षों के कठिन वनवास काल में श्रीराम ने अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में व्यतीत किया था।माता कौशल्या की जन्म भूमि होने के कारण छत्तीसगढ़ में श्री राम को भांजे के रूप में पूजा जाता है। शबरी के झूठे बेर खाने के पीछे क्या इतिहास है सब करीब से देखिये

शबरी के बेर खाने का आत्मीय प्रेमपूर्वक दर्शन

छत्तीसगढ़ में सांस्कृतिक धरोहरों, परंपराओं और रामायण कालीन अवशेषों को सहेजने और संवारने के उद्देश्य से राज्य में चिन्हांकित 75 स्थलों में से प्रथम चरण में 9 स्थानों पर राम वन गमन पर्यटन परिपथ के तहत अधोसंरचना विकास कार्यों, जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है।

इसी कड़ी में पिछले वर्ष राम नवमी के अवसर पर माता कौशल्या मंदिर परिसर चंदखुरी का लोकार्पण किया गया था। इस वर्ष रामनवमी के अवसर पर 10 अप्रैल को शिवरीनारायण धाम, विष्णु कांक्षी तीर्थ में राम वन गमन पर्यटन परिपथ के विकास कार्यों का लोकार्पण समारोह आयोजित किया जा रहा है।

तीन दिवसीय भव्य आयोजन की छटा देखते ही बनती है

8,9और10अप्रैल को तीन दिवसीय भव्य आयोजन में देश-प्रदेश के प्रतिष्ठित कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी। साथ ही प्रदेश स्तर पर रामायण मंडलियों की मानस गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, जिसमे लगभग 7 हज़ार मानस गायकों ने भाग लिया है। इनमें से चयनित 25 जिलों की मानस मंडलियों के लगभग 350 कलाकार शिवरीनारायण में 8,9 और 10 अप्रैल को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में अपनी प्रस्तुतियां देंगे।

आयोजन में देश-प्रदेश के प्रतिष्ठित कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएँगी

10 अप्रैल को विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किए जाएंगे और प्रथम स्थान प्राप्त विजेता दल की प्रस्तुति भी होगी।तीन दिवसीय इस आयोजन में पद्मश्री ममता चंद्राकर, पद्मश्री अनूप जलोटा, जस गीत गायक दिलीप षडंगी, मुंबई की पार्श्व गायिका अनुराधा पौडवाल तथा संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के भूतपूर्व छात्र शामिल होंगे जो अपने आप में बेहद गर्व का विषय है।

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