छत्तीसगढ़ राज्य के गठन को आगामी 1 नवम्बर को 22 साल पूरे हो जाएंगे। इस मौके पर 23वें राज्य स्थापना दिवस का आयोजन किया जा रहा है। आदिवासी संस्कृति और सभ्यता को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की कवायद में तीसरी बार राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का भव्य एवं गरिमामय आयोजन 1 से 3 नवम्बर तक रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में होगा। इस पहल पर राज्य की ओर से मंत्री, संसदीय सचिव, विधायकगण सहित अन्य जनप्रतिनिधि देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करने पहुंच रहे हैं।
राज्योत्सव एवं राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के लिए आमंत्रण की कड़ी में राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत को आमंत्रित करने विधायक श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा और डॉ. लक्ष्मी ध्रुव पहुंची। उन्होंने श्री गहलोत से मुलाकात कर उन्हें छत्तीसगढ़ की आदिवासी कलाकृति भेंट करते हुए महोत्सव में सम्मिलित होने आमंत्रित किया। वहीं असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमन्त बिश्व शर्मा से मुलाकात कर संसदीय सचिव श्री पारसनाथ राजवाड़े ने आमंत्रित किया। झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन से विधायक श्री खेलसाय सिंह एवं संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि आशीष सिंह ने मुलाकात की।
उन्होंने मुख्यमंत्री श्री सोरेन को रायपुर में आयोजित हो रहे तृतीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की ओर से निमंत्रण पत्र दिया। पुद्दूचेरी के मुख्यमंत्री श्री एन. रंगास्वामी से संसदीय सचिव श्री इन्द्रशाह मंडावी एवं विधायक श्री दलेश्वर साहू ने मुलाकात कर आमंत्रण पत्र सौंपा। सिक्किम के लोक निर्माण एवं संस्कृति मंत्री श्री संदूप लेपचा को आमंत्रित करने पहुंचे संसदीय सचिव श्री कुंवरसिंह निषाद एवं विधायक श्री भुनेश्वर बघेल ने आमंत्रण पत्र और आदिवासी कलाकृति भेंट किया। विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा ने लक्षद्वीप के प्रशासक के प्रतिनिधि से मुलाकात कर उन्हें आमंत्रित किया है।
इसी कड़ी में संसदीय सचिव श्री गुरूदयाल बंजारे ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर को, संसदीय सचिव श्री द्वारिकाधीश यादव ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री श्री मानिक साहा को, संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव श्री अरूण मेहता को और लघु वनोपज संघ के जीएम श्री एस. मनीवासगन ने तमिलनाडु सरकार के उद्योग मंत्री श्री थांगम थेन्नारासु को आमंत्रित किया है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ की आदिवासी कला संस्कृति, रीति-रिवाज, उत्सव, परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन तथा देश के राज्यों सहित विश्व के अन्य देशों में निवासरत आदिवासी लोगों के कला-संस्कृति के आदान-प्रदान के उद्देश्य से भव्य आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन शुरू किया गया है।