छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस

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आज छत्तीसगढ़ राज्य का 24 वां स्थापना दिवस है .1 नवंबर 2000 में देश के 26 वें राज्य के रूप में इसका गठन हुआ था . ऐसा माना जाता है कि , लगभग 300 वर्ष पूर्व गोंड शासन के समय यहां गोंड शासकों के गढ़ या कोट थे , जिनके आधार पर कालांतर में इसे छत्तीसगढ़ नाम मिला .

कल्चुरी राजाओं द्वारा 36 गढ़ों का निर्माण करवाया गया था जो इस प्रदेश को खास बनती है

छत्तीसगढ़ के कई इतिहासकारों के अनुसार यहाँ के कल्चुरी राजाओं द्वारा 36 गढ़ों का निर्माण करवाया गया था जिनमें से 18 गढ़ शिवनाथ नदी के उत्तर में , कलचुरी राजवंश की रतनपुर शाखा के थे और दक्षिण में इसी राजवंश की रायपुर शाखा के 18 गढ़ थे .इस प्रकार उस काल में यहाँ कुल 36 गढ़ थे जिनके आधार पर इसे छत्तीसगढ़ नाम मिला . इसका एक नाम कोशल प्रदेश भी है . छत्तीसगढ़ को धान के विपुल उत्पादन के कारण धान का कटोरा भी कहा जाता है .रायपुर इसकी राजधानी है जो रेल ,सड़क और वायु मार्ग से देश के लगभग हर हिस्से से जुड़ी हुई है .

राज्य की मुख्य भाषा छत्तीसगढ़ी है . वन भैंसा इसका राजकीय पशु है , पहाड़ी मैना को राज्य पक्षी और साल यानी सरई के पेड़ को राज्य वृक्ष का दर्जा प्राप्त है .

छत्तीसगढ़ मर्यादा पुरुषोत्तम राम का ननिहाल भी कहा जाता है क्यों कि माता कौशल्या का सम्बन्ध इसी धरा से है . छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से थोड़ी दूर पर स्थित चंदखुरी में माता कौशल्या का देश में एक मात्र मंदिर है . ऐसा माना जाता है कि , भगवान् राम ने अपने वनवास के 14 वर्ष में से 11 वर्ष का वनवास काल छत्तीसगढ़ के दंडक वन यानी दंडकारण्य में व्यतीत किया था . छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने अयोध्या से होकर , छत्तीसगढ़ पहुँचने के श्रीराम के संभावित मार्ग को , शास्त्रों में वर्णित ऐतिहासिक और भौगोलिक सन्दर्भों के आधार पर राम-वनगमन पथ के रूप में रेखांकित किया है .

लोक संगीत , नाटक और नृत्य की दृष्टि से छत्तीसगढ़ काफी समृद्ध है यहाँ के प्रमुख नृत्य हैं सुआ, पंथी, राउत नाचा , ,गौर, सरहुल और करमा . ऐतिहासिक ,पुरातात्विक और पर्यटन के लिहाज़ से भी छत्तीसगढ़ बेमिसाल है . यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं भोरमदेव, सिरपुर, राजिम, बारसूर, माता कौशल्या धाम चन्दखुरी, रतनपुर, तीरथगढ़ एवं चित्रकोट जलप्रपात . मंदिरों की बात करें तो देखने लायक है राजिम का राजीव लोचन मंदिर , रतनपुर का महामाया मंदिर राजिम का कुलेश्वर मंदिर , चंदखुरी का माता कौशल्या मंदिर , पलारी का सिद्धेश्वर मंदिर , सिरपुर का लक्ष्मण मंदिर और स्वास्तिक विहार खल्लारी का जगन्नाथ मंदिर, कवर्धा का भोरमदेव मंदिर और बारसूर का बत्तीसा मंदिर .

यहाँ के लोक संगीत , नाटक और नृत्य की दृष्टि से छत्तीसगढ़ पूरी दुनिया में समृद्ध है यहाँ के प्रमुख नृत्य हैं सुआ, पंथी, राउत नाचा,गौर, सरहुल और करमा है

पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण कुछ अन्य स्थान हैं : बीजापुर का इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान ,कोरिया का गुरूघासीदास राष्ट्रीय उद्यान ,सरगुजा स्थित रामगढ़ की पहाड़ियां, जगदलपुर के निकट स्थित कांगेर घाटी क्षेत्र , कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान सूरजपुर का ररक्सगंडा जलप्रपात , कोरिया का अमृतधारा जलप्रपात , बलरामपुर का सामरी पाट , सरगुजा का मैनपाट और उल्टा पानी , बस्तर की केशकाल घाटी और बस्तर की ही कुटूमसर गुफाएं

छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल 1 लाख 35 हज़ार 1 सौ 94 वर्ग किलोमीटर है छत्तीसगढ़ राज्य की सीमायें सात राज्यों को स्पर्श करती हैं

ये राज्य हैं मध्य प्रदेश, ओड़िशा , आँध्रप्रदेश ,महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश और झारखंड . छत्तीसगढ़ राज्य वन और खनिज संपदा से समृद्ध है .राज्य का 44 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छादित है . छत्तीसगढ़ की धरा को अपने पावन जल से सींचने वाली प्रमुख नदियाँ हैं महानदी , शिवनाथ , अरपा , पैरी ,मांड ,कन्हर ,हसदेव ,खारून ,सोंढूर और इन्द्रावती . जगदलपुर के पास इन्द्रावती नदी पर ही मौजूद है राज्य का नयनाभिराम जलप्रपात चित्रकूट जिसे विश्व प्रसिद्द नायग्रा जलप्रपात का लघु रूप कहा जाता है . स्टील , सीमेंट , स्पंज आयरन , विद्युत् उत्पादन में राज्य का महत्वपूर्ण योगदान है

छत्तीसगढ़ की धरती रत्नगर्भा है . खनिज संपदा के मामले में ये राज्य बहुत समृद्ध है . यहाँ मिलने वाले प्रमुख खनिज हैं लौह अयस्क ,चूना पत्थर , मैंगनीज़ , ताम्बा , सीसा,अभ्रक , बॉक्साइट,डोलोमाइट , फ्लुओराइट , क्वार्ट्जाइट , टिन , फेल्सपार ,एलेकज़ेन्ड्राइट , बेरिल ,कोरंडम सोना ,एस्बेस्टस ,गेरू , टाल्क ,चीनी मिटटी , खनिज तेल , सिलिमेनाइट और यूरेनिम . देश के खनिज उत्पादन में छत्तीसगढ़ का योगदान 16 प्रतिशत है .

छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा एवं उच्च शिक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक संस्थाएं मौजूद हैं, जिनमें शामिल हैं राजकुमार कॉलेज , दिल्ली पब्लिक स्कूल , हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान ,अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान,सिपेट , भारतीय प्रबंध संस्थान ,गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर ,इंदिरा कला एवं संगीत विश्व विद्यालय खैरागढ़ , और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर.

छत्तीसगढ़ के ही एक और प्रतिभाशाली , राष्ट्रिय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित लेखक हैं अशोक मिश्रा जिन्हें भारत एक खोज धारावाहिक और वेल्डन अब्बा ,वेलकम टू सज्जनपुर तथा कटहल जैसी यादगार फिल्मों के लिए जाना जाता है .

हिन्दी साहित्य में छत्तीसगढ़ के अनेक लेखकों और कवियों का उल्लेखनीय योगदान है . ये विभूतियाँ हैं माधवराव सप्रे , पदुमलाल पुन्ना लाल बक्शी , मुकुटधर पाण्डेय , गजानन माधव मुक्तिबोध , श्रीकांत वर्मा , विनोद कुमार शुक्ल और डॉक्टर शंकर शेष . छत्तीसगढ़ से ही सम्बन्ध था प्रसिद्द नाट्यकर्मी हबीब तनवीर और पंडित सत्यदेव दुबे का .हिन्दी फिल्म जगत की मशहूर हस्ती किशोर साहू भी छत्तीसगढ़ के थे .

यहाँ रायपुर के युवा फ़िल्मकार मनोज वर्मा का ज़िक्र करना होगा जिनके द्वारा निर्देशित छत्तीसगढ़ी फिल्म भूलन द मेज , राष्ट्रिय पुरस्कार से सम्मानित पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म है

छत्तीसगढ़ भोले-भाले , मेहनतकश लोगों की धरा है जहाँ देश के अलग-अलग हिस्सों से आये लोग बसते हैं . असीम संभावनाओं से भरा हुआ भारत का ये युवा राज्य प्रगति के पथ पर सतत बढ़ रहा है .

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