छत्तीसगढ़ की जनता द्वारा जिस प्रकार भारतीय जनता पार्टी के एकात्म मानववाद व अंत्योदय की नीतियों को समर्थन दिया है, उस जनसमर्थन के रूप अर्जित पूंजी को जन कल्याण के रूप में समर्पित करने के लिए जमीन से जुड़े कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री का दायित्व सौंपा गया है. भारतीय जनता पार्टी ने जिस समवेत भाव से समरसता के मन्त्र को आत्मसात करते हुए श्री विष्णु देव साय को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का दायित्व दिया गया, उससे समाज के सबसे वंचित वर्ग एवं कार्यकर्ता का सम्मान हुआ है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सिद्धांतों और आदर्शों पर आधारित राजनीतिक दल है। यह किसी परिवार, जाति या वर्ग विशेष की पार्टी नहीं है। भाजपा कार्यकर्ताओं को जोड़ने वाला सूत्र है
श्री विष्णुदेव साय का पंच पद से राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश व मुख्यमंत्री के पद तक पहुंचना भारतीय जनता पार्टी में ही संभव है, जहां समाज के अंतिम पायदान पर खड़े वर्ग से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का शीर्षस्थ पद पर पहुंचना भारतीय जनता पार्टी के वैचारिक अधिष्ठान की फलश्रुति है. भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा कार्यकर्ता को सर्वस्पर्शी नेतृत्व के लिए तैयार किया है. श्री साय उसी वैचारिक निधि को लेकर आज छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा के ध्येय के साथ शीर्ष पद पर पहुंचे हैं.
श्री साय ने विधायक, सांसद, केंद्रीय मंत्री रहते हुए भारतीय जनता पार्टी एवं श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जनकल्याण की नीतियों को पूर्ण प्रतिबद्धता से क्रियान्वयन किया. श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में श्री साय ने जहां केंद्रीय कैबिनेट में राज्य मंत्री के रूप में पूरी प्रतिबद्धता से जनता की सेवा की वहीं प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पार्टी की रीति नीति को जन जन तक पहुंचाया. भाजपा के ऐसे समरस निर्णय ही अंत्योदय की नीतियों को सर्वव्यापी बना रहे हैं.
एक ओर जहां देश की मुख्य विपक्षी दल से लेकर तमाम राजनीतिक दल परिवारवाद पर चलते हुए स्वयं और परिवार के कल्याण को ही जनकल्याण का आवरण देती है.
वहीं भाजपा ने हमेशा जनकल्याण को अपनी राजनीति का आधार बनाया जो सर्वस्पर्शी और सर्वव्यापी विचारधारा पर अग्रसर है. छत्तीसगढ़ के गठन से लेकर उसे विकास का सिरमौर बनाने में भाजपा की नीति, रीति और नेतृत्व की अहम भूमिका रही है. एक बार पुनः छत्तीसगढ़ महतारी ने एकात्मता के मंत्र पर चलने वाले दल और कार्यकर्ता व नेतृत्व को सेवा का अवसर प्रदान किया है. अंत्योदय के प्रत्येक साधक इस विश्वास को चरितार्थ करेंगे.