
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को उज्जैन में महाकाल मंदिर कोरिडोर का लोकार्पण करेंगे.
उन्होंने बताया कि महाकाल कॉरिडोर पर जितना पैसा खर्च होगा, उसमे से 422 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार, 21 करोड़ रुपये मंदिर समिति और बाकी का पैसा केंद्र सरकार ने दिया है. महाकाल कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत रुद्रसागर की तरफ 920 मीटर लंबा कॉरिडोर, महाकाल मंदिर प्रवेश द्वार, दुकानों, मूर्तियों का निर्माण 7 मार्च 2019 को शुरू हुआ था।. गुजरात की एक फर्म इस काम को करवा रही है.
750 करोड़ की लागत से बन रहा कॉरिडोर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि यह प्रोजेक्ट करीब 750 करोड़ रुपये का है. इस कॉरिडोर के बनने से महाकाल मंदिर का परिसर जो अभी 2 हेक्टेयर का है, बढ़कर 20 हेक्टेयर का हो जाएगा. इसके पहले चरण में 350 करोड़ की लागत आई है. इसका काम लगभग पूरा कर लिया गया है. इस परिसर में महाकाल कारिडोर, फेसिलिटी सेंटर, सरफेस पार्किंग, महाकाल द्वार का निर्माण कराया जा रहा है.
कॉरिडोर घूमने में लगेगा 5 से 6 घंटे का समयकाशी विश्वनाथ मंदिर से चार गुना बड़ा बन रहा महाकाल कॉरिडोर अपने आप मे बेहद खास है. परिसर इतना विशाल है कि पूरे मंदिर परिसर में घूमने और सूक्ष्मता से दर्शन करने के लिए 5 से 6 घंटे का वक्त लगेगा. इस विशाल क्षेत्र में भगवान शिव के अलग-अलग रूप के दर्शन महाकाल कॉरिडोर मे होंगे. इसके अतिरिक्त शिव तांडव स्त्रोत से लेकर शिव विवाह और अन्य प्रसंगों को भी बड़ी खूबसूरती से तराशा गया है. इसमें महाकालेश्वर वाटिका, महाकालेश्वर मार्ग, शिव अवतार वाटिका, प्रवचन हॉल, नूतन स्कूल परिसर, गणेश विद्यालय परिसर, रूद्रसागर तट विकास, अर्ध पथ क्षेत्र, धर्मशाला और पार्किंग सुविधाओं का विकास हो रहा है.
कॉरिडोर मे मिलेगा 1000 लोगों को रोजगार
विधानसभा चुनाव से पहले लोकार्पण
चौड़ी सड़कों से पहुंचेंगे वाहन
लाइट एंड साउंड शो भी होगा
एक घंटे मे एक लाख श्रद्धालु करेंगे दर्शन
कॉरिडोर घूमने में लगेगा 5 से 6 घंटे का समय