अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर का तीसरा दीक्षांत समारोह आज संपन्न हुआ…

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दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति श्री एम.वेंकैया नायडु ने अपने वर्चुअल उद्बोधन में कहा कि देश का भविष्य युवाओं के सपनों और आशाओं से गढ़ा जायेगा। देश की 65 प्रतिशत से अधिक आबादी युवाओं की है। उन्होंने कहा कि हम अपना प्राचीन समृद्ध ज्ञान एवं परम्परा खोते जा रहे हैं। अपनी पुरानी प्रतिष्ठा फिर से अर्जित करने के लिए हमें अपने शिक्षण संस्थाओं को विश्वस्तरीय बनाना होगा। नये शोध एवं नवाचार गतिविधियों को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि हम तेजी से बदलते तकनीकी युग में जी रहे हैं। हमें अपने विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों को आधुनिक संदर्भ में प्रासंगिक बनाना चाहिए।

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने समारोह में स्वर्ण पदक एवं उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों एवं विद्वानों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन सम्पूर्ण जीवनकाल का महत्वपूर्ण समय होता है। अच्छे और बुरे का बोध हमें इसी समय पता लगता है। मानवीय मूल्यों, संस्कारों और रचनात्मक क्षमता का विकास इसी दौरान होता है। कड़ी मेहनत से जीवन को दिशा मिलती है। उन्होंने आह्वान किया कि विद्यार्थी अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करें और इसे प्राप्त करने के लिये निरंतर प्रयास करें ,एक दिन जरूरी कामयाबी मिलेगी। प्रारंभिक विफलताओं से हमें निराश होने की जरूरत नही है। उन्होंने कहा कि आज मेडल प्राप्त 162 विद्यार्थियों में 117 विद्यार्थी महिलाएं हैं। यह समाज के लिए गौरव का विषय है। साथ ही महिला सशक्तिकरण का उदाहरण भी है। केवल डिग्री प्राप्त कर लेना महत्वपूर्ण नहीं हैं, हमें संवेदनशीलता और मानवीय संवेदना के साथ गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों की सेवा के लिए तत्पर रहना चाहिए।


उन्होंने कहा कि अध्ययन काल में प्राप्त शिक्षा ही हमें जीवन के चुनौतियों से लड़ने का साहस व हौसला देती है। साथ ही जीवन के तमाम लक्ष्यों को हासिल करने में सफलता भी दिलाती है। उन्होंने बढ़ती प्रतिस्पर्धा और तकनीक के दौर मे शिक्षा मे शोध, आविष्कार एवं नवाचार की आवश्यकता बताई और कहा कि हमे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ानी होगी द्य हमें शिक्षा के साथ अपने व्यक्तित्व विकास की ओर भी ध्यान देना बेहद जरूरी है। हमें ऐसी शिक्षा की जरूरत है जिससे विद्यार्थियों का चरित्र निर्माण हो सके,उनका मानसिक विकास हो और वह अपने पैरों पर खड़ा हो सकेद्य उन्होंने समस्त विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थाओं को इस दिशा में सदैव प्रयास करते रहने की अपील की।

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