प्याज और लहसुन के गिरते रेट से किसान बेहद परेशान हैं. हाल ही में कई जगहों से किसानों द्वारा अपनी उपज को फेंकते हुए तस्वीरें सामने आ चुकी हैं. मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र प्याज के प्रमुख उत्पादक राज्यों में शुमार हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मार यहां के किसानों पर ही पड़ी है.
अब मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले से एक मामला सामने आया है. दरअसल, यहां 300 किलो प्याज बेचने पर भी किसान को शुद्ध मुनाफे के तौर पर 2 रुपये की आमदनी हासिल हुई है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इस तरह किसानों की आय सरकार कैसे बढ़ा पाएगी?
कहां कटे कितने रुपये?
शाजापुर की कृषि उपज मंडी में जयराम नाम का एक किसान छह बोरी (300 किलो) प्याज लेकर आया. एक बोरी का दाम 60 रुपये मिला. दो अन्य बोरी का भाव 75 रुपये प्रति बोरी के मान से 150 रुपये मिला. बाकी तीन बोरियों का भाव 40 रुपये प्रति बोरी के मान से 120 रुपये मिले. इस तरह किसान को प्याज बेचने के बाद कुल 330 रुपये का बिल बना, जिसमें से 280 रुपये ट्रांसपोर्ट के कट गए और 48 रुपये हम्माली व तुलाई का खर्च आया. कुल मिलाकर 328 रुपये खर्च काटने के बाद किसान के हाथ में सिर्फ दो रुपये आए.
दुकान संचालक ने क्या कहा?
इस बाबत जब दुकान संचालक से इस बारे में संपर्क किया गया तो उसने बताया कि अच्छे क्वॉलिटी का प्याज मंडी में 8 से 11 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है. मध्यम क्वालिटी का प्याज 5 से 8 रुपये प्रति किलो दिए जा रहे हैं. कमजोर क्वॉलिटी का प्याज पर 1 किलो या उससे भी कम मिल रहा है. जयराम जो प्याज लेकर आए थे उसकी क्वॉलिटी बेहद ही खराब थी. उन्होंने मंडी से 300 रुपये एडवांस ले लिए थे. 80 पैसे प्रति किलो के हिसाब से 330 रुपये उन्हें दे दिए गए. जिसमें माल ढुलाई के तौर पर कुल 328 रुपये कट गए.