रायपुर 16 अगस्त 2023/ छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा दिए जाने से मत्स्य पालकों को ब्याज मुक्त ऋण तथा अन्य सुविधाएं मिलने से मत्स्य पालन की लागत में कमी आई है और मछुआरों की आमदनी बढ़ी है।
प्रदेश में मछली पालन के लिए 2 लाख हेक्टेयर से अधिक जल क्षेत्र उपलब्ध है। मत्स्य बीज उत्पादन के लिए 86 हेचरी, 59 मत्स्य बीज प्रक्षेत्र, 647 हेक्टेयर संवर्धन पोखर उपलब्ध है, जहां उन्नत प्रजाति के 330 करोड़ मछली बीज फ्राई का उत्पादन किया जा रहा है। राज्य की आवश्यकता 143 करोड़ की है। शेष 187 करोड़ मछली बीज अन्य राज्यों को निर्यात किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के समय मात्र 93 हजार मेट्रिक टन मत्स्य का उत्पादन होता था, वर्तमान में लगभग 6 लाख मेट्रिक टन मत्स्य उत्पादन होने लगा है। मत्स्य उत्पादन में यह वृद्धि साढ़े छह गुना है।
मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ देश में छठवें स्थान पर है। मत्स्य पालन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर देश में बेस्ट इनलैंड स्टेट का अवार्ड मिला है।